Tuesday, July 31, 2007

भिलाई साफ्टवेयर उद्योग से वंचित क्‍यों ?

यहां से निकलते हैं हर वर्ष सैकडो इंजीनियर, देश भर में दे रहे सेवायें

भिलाई का नाम आज दुनिया में अंजान नहीं है इस्पात उद्योग के साथ-साथ यहां की शिक्षा ने भी कामयाबी के परचम लहराए हैं. आई.आई.एम. हो या आई.आई.जी. इन सभी टेस्टों में भिलाई के बच्चे सबसे आगे नजर आते हैं बावजूद इसके भिलाई में आज लगभग क्ख् सौ इंजीनियर के अलावा डेंटल और एग्रीकल्चर तथा नर्सिंग कालेजों से भी सैकड़ों विद्यार्थी अपनी शिक्षाएं पूरी कर देश भर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. आज भिलाई टेक्‍नालॉजी के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ गया है ऐसी स्थिति में यहां साफ्टवेयर टेक्‍नालॉजी के उद्योगों को लाया जाना चाहिए जिससे यहां के साफ्टवेयर उद्योग में यहां के बच्चे अपनी सेवाएं दे सकते हैं. वर्षों पहले कुटेलाभाटा में आई.टी. पार्क की स्थापना की स्वीकृति हुई थी जिसके लिए एस.टी.पी.आई. की स्थापना नेहरु नगर में की गई थी. बाद में यह पार्क कागजों में खो गया लेकिन आज जब सारे देश में टे नालाजी सबसे उपर है और भिलाई के बच्चे टे नालाजी में आगे जा रहे हैं ऐसी स्थिति में भिलाई में साफ्टवेयर उद्योगों का आना बच्चों के लिए रोजगार ही नहीं बल्कि यहां की आर्थिक स्थिति में भी प्रगति होगी और शहर इस्पात उद्योग के अलावा साफ्टवेयर उद्योग में भी महारथ हासिल कर सकेगा.

भिलाई. भिलाई शहर शिक्षा का सबसे बड़ा बेहतर केन्द्र माना गया है योंकि यहां के बच्चे आज भी हर परीक्षाओं में टॉप में आते हैं. यही कारण है कि भिलाई में पांच इंजीनियरिंग कालेज और दो डेंटल कालेज एक एग्रीकल्चरल कालेज स्थापित होने के बाद यहां का औद्योगिक कल्चर और भी मजबूत हो गया है, लेकिन इतनी बेहतर शिक्षा और इतने अच्छे बच्चों के एजुकेटेड होने के बावजूद यहां साफ्टवेयर टे नालाजी जैसे उद्योगों की स्थापना न होना भिलाई के साथ बहुत बड़ा अन्याय है. आज देश में कई राज्यों में एस.ई.जेड. (स्पेशल इकनॉमिक जोन) स्थापित न होने से यहां साफ्वेयर का उद्योग नहीं आ पा रहा है. सरकार को चाहिए कि भिलाई जैसे शहर में यदि साफ्टवेयर टेक्‍नालॉजी के उद्योगों की स्थापना होती है तो निश्चित ही भिलाई टे नालाजी के क्षेत्र में अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं आगे होगा और इससे न केवल यहां के होनहार बच्चों को रोजगार मिलेगा बल्कि ऐसे उद्योेगों के आने के बाद यहां की आर्थिक स्थिति की मजबूती आएगी.

भिलाई में शिक्षा का महत्व और मजबूत नजर आता है योंकि यहां के बच्चे आई.आई.एम. और आई.आई.टी. जैसी परीक्षाआें में पास होते हैं और वहां से साफ्टवेयर टे नालाजी की शिक्षाएं लेकर पूरे देश में सेवाएं देते हैं. भिलाई में न केवल इंजीनियरिंग कालेज बल्कि नर्सिंग कालेज और बड़े-बड़े उद्योग यहां स्थापित है. साथ ही वर्षों पहले नेहरु नगर में एस. टी. पी. आई. की स्थापना की थी जिससे यह लगा था कि भिलाई में साफ्टवेयर उद्योगों का आगमन होगा, लेकिन एस.टी.पी.आई. होने के बावजूद आज भिलाई में साफ्टवेयर उद्योगों का न आना भिलाईवासियों के साथ खिलवाड़ है. दक्षिण भारत हो या दिल्ली, मुंबई इन सभी राज्यों में साफ्टवेयर टे नालाजी के उद्योग जिस तेजी के साथ प्रगति कर रहे हैं उनके मुकाबले भी भिलाई में यदि इन उद्योगों को स्थापित किया जाए तो निश्चित ही भिलाई से निकलने वाले दो सौ के आसपास इंजीनियर और 1०० के आसपास कैट और मैट में पास होने वाले विद्यार्थी भिलाई के साफ्टवेयर उद्योग में अपनी सेवाएं दे सकते हैं.साफ्टवेयर उद्योग यदि स्थापित होता है तो बी.पी.ओ. (बिजनेस प्रमोशन आउटशोर्सेश) की भी स्थापना यहां हो सकती है जिससे साफ्टवेयर उद्योग और भी प्रगति करेगा.

भ्० से क्०० एकड़ में स्थापित होने वाले आई.टी. पार्क की यदि शासन योजना बनाती है तो भिलाई भी साफ्टवेयर उद्योग में बहुत तेजी के साथ उपर आ सकता है. हालांकि कुछ वर्षों पहले कुटेलाभाटा में आई.टी. पार्क के लिए जमीन का चयन किया गया था और इसी के चलते एस.टी.पी.आई. की स्थापना हुई थी. लेकिन एस.टी.पी.आई. स्थापित होने के बाद इस संस्था का लाभ आई.टी. पार्क न होने के कारण यहां के लोगों को लाभ न मिल सका. नेहरु नगर में आज भी यह पार्क अपनी सेवाआें के लिए खड़ा है. अगर आवश्यकता है तो स्थापित होने वाले साफ्टवेयर उद्योगों की और आई.टी. पार्क की. इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार यदि गंभीरता से सोचे और एस.ई.जेड. की स्थापना करे तो भिलाई में साफ्टवेयर उद्योग अरबों रुपए का टर्न ओवर न केवल कमाएगा बल्कि राज्य में भी औद्योगिक प्रगति आएगी. वैसे तो छत्तीसगढ़ में कहीं पर भी आई.टी. पार्क नहीं है लेकिन भिलाई इसलिए उचित माना जा रहा है योंकि यहां शिक्षा का बेहतर स्कोप है और यहां से इंजीनियर, डा टर, बड़े पैमाने पर तो निकलते ही हैं साथ ही आई.टी. में ग्रेजुएशन करने वाले बच्चे दूसरे राज्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिन्हें यहां बेहतर काम मिल सकेगा.

छत्तीसगढ़ आज भारत के नक्‍शे में औद्योगिक के मामले में सबसे उपर माना जा रहा है योंकि यहां का उद्योग जगत हर वर्ष अपनी प्रगति करता जा रहा है.बढ़ रहा यहां का टर्न ओवर इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ में यदि साफ्टवेयर उद्योगों की स्थापना की जाए तो यह राज्य टे नालाजी के मामले में भी उतना ही आगे बढ़ सकता है जितना स्टील उद्योग में आज आगे हैं. इसके लिए भिलाई का औद्योगिक क्षेत्र आई.टी. पार्क और साफ्टवेयर उद्योगों के लिए पलके पिछाए बैठा है सिर्फ कदम सरकार को उठाना है और इन उद्योेगों को भिलाई में स्थापित कराना है.

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