Tuesday, July 31, 2007

नकली दवाओं में नशीले पदार्थ का इस्तेमाल

पूरे बस्तर संभाग में लगभग े०० दवा दुकानें हैं. यदि शासन द्वारा तय मानदंडों के हिसाब से देखें तो इनकी चेकिंग के लिए छह ड्रग इंस्पे टरों की जरूरत पड़नी चाहिए, लेकिन इसे बस्तरवासियों की बदकिस्मती ही कहें कि इन सब दुकानों की चेकिंग के लिए पूरे बस्तर संभाग में एक भी ड्रग इंस्पे टर नहीं है. इस स्थिति में दवाआें के रख-रखाव के लिए बनाए गए कठोर नियमों का उल्लंखन करने से इनको कौन रोकेगा? नियमों की जानकारी देते हुए एक दवा दुकान संचालक ने बताया कि तय मानदंडों के हिसाब से रोज दवा की रैक साफ की जानी चाहिए,जगदलपुर. बस्तर मंे नकली दवाआें की कितनी पैठ है इसका ठीक-ठीक अंदाजा लगाना किसी के लिए भी मुश्किल बात है लेकिन दवा दुकानों में नकली दवाआें की बिक्री से पूरी तरह से इंकार बिल्कुल नहीं किया जा सकता योंकि नकली दवाआें का पता लगाने में खुद विक्रेता भी असमर्थ हैं. उक्त विचार खुद विक्रेताआें ने दिए हैं उनका मानना है कि यह कारोबार काफी बड़े स्तर पर चल रहा है.कुछ जानकारों से बात करने पर पता चला कि ज्यादातर उन दवाआें की नकल की जा रही है जिनमें रोग निवारण के लिए नशीले पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है. एक निजी टीवी चैनल में भी इसे दिखाया है. नकली दवाआें में से ज्यादातर वे कफ सिरप थे जिनमें कोउी न की मात्रा ज्यादा होने से सेवन करने पर नशा होता है. चिकित्सा की दृष्टि से इन केमिकल्स की अच्छी महत्ता है पर दिन-ब-दिन इन दवाआें का नशे के रूप में प्रचलन होने से इनकी डिमांड पूरी करने नकली दवाईयां बनाई जा रही हैं. जिसमें नशीले पदार्थ के अलावा कोई और चीज का इस्तेमाल नहीं होता है. कफ सिरप के अलावा कुछ दर्द निवारक गोलियों का भी इस्तेमाल नशे के लिए किया जा रहा है.यदि इस मसले को ध्यान से देखा जाए तो बहुत से चौकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं लेकिन इस विषय में प्रशासन द्वारा लापरवाह रवैया छाे़डकर प्रतिबद्धता से जांच कराई जाए तो लाईसेंस लेकर जहर बनाने वालों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा. पूरे बस्तर संभाग में लगभग े०० दवा दुकानें हैं. यदि शासन द्वारा तय मानदंडों के हिसाब से देखें तो इनकी चेकिंग के लिए छह ड्रग इंस्पे टरों की जरूरत पड़नी चाहिए, लेकिन इसे बस्तरवासियों की बदकिस्मती ही कहें कि इन सब दुकानों की चेकिंग के लिए पूरे बस्तर संभाग में एक भी ड्रग इंस्पे टर नहीं है. इस स्थिति में दवाआें के रख-रखाव के लिए बनाए गए कठोर नियमों का उल्लंखन करने से इनको कौन रोकेगा? नियमों की जानकारी देते हुए एक दवा दुकान संचालक ने बताया कि तय मानदंडों के हिसाब से रोज दवा की रैक साफ की जानी चाहिए, यदि दवा की पैकिंग के ऊपर धुल की थाे़डी परत भी चढ़ जाए तो इसके लिए ड्रग इंस्पे टरफाईन कर सकता है,बशर्ते अफसर ईमानदार हो. खैर आज की दुनिया में ईमानदारी की बात करना सबसे बड़ी बेईमानी होगी, इसलिए तो संभाग के ड्रग इंस्पे टर नीलाम्बर सेठ जगदलपुर में आठ माह पहले दबिश देकर तीन दुकानों से नकली दवा पकड़ने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. हाल ही में बस्तर से सटे सीमावर्ती उड़ीसा राज्य के बोलांगिर में कराे़डों रूपए के नकली दवाआें की जब्ती करने के पश्चात वहाँ के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोषी पाए गए रसूखदार व्यक्तियों का सिंडीकेट छत्तीसगढ़ तकफैला हुआ है. ऐसे में ड्रग इंस्पे टर का पद जितना संवेदनशील होना चाहिए उतना ही लापरवाह हो चला है. बस्तर संभाग में पिछले कई दिनों से एक ड्रग इंस्पे टर की मांग की जा रही है परंतु प्रशासन उदासीन नजर आ रहा है.

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