Tuesday, July 31, 2007

छत्तीसगढ़ पुलिस जवाबदेही प्राधिकरण का गठन

रायपुर. प्रदेश सरकार राज्य पुलिस जवाबदेही प्राधिकरण का गठन कर उन पुलिस अफसरों और कर्मियों की जवाबदेही तय करेगी जिनके विरूद्घ शिकायत की जाती है. इस प्राधिकरण के पास सिविल न्यायलय जैसे अधिकार होंगे, जो मामलों की सुनवाई कर जवाबदेही तय करंेगे. चार सदस्यीय इस प्राधिकरण में एक महिला सदस्य भी अनिवार्य रूप से शामिल रहेगी. प्राधिकरण अपना प्रतिवेदन राज्य सरकार को सौंपेगा.राज्य पुलिस ए ट में थाे़डे संशोधनों के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह प्राधिकरण गठित किया जा रहा है. इसमें पुलिस के विरूद्घ होने वाली सभी शिकायतों को सुनवाई के लिए इस प्राधिकरण में सभापति उच्च न्यायलय के सेवानिवृत न्यायधीश या उच्च न्यायिक सेवा के सेवा निवृत्त न्यायधीश होंगे. एडीजी स्तर से सेवानिवृत्त हुए पुलिस अधिकारी के साथ न्यूनतम सचिव श्रेणी के सेवा निवृत्त लोक सेवक के साथ प्रदेश के किसी एक प्रतिष्ठित समाज सेवी व्यक्ति को इसमें शामिल किया जाएगा. इन सभी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा. इनमें से किसी को समयपूर्वक हटाने के लिए प्राधिकरण की सिफारिश पर तीन चौथाई बहुमत के आधार पर सरकार द्वारा हटाया जा सकेगा. प्राधिकरण मुख्य रूप से शिकायतकर्ताआें की ओर से शपथपत्र के साथ प्रस्तुत शिकायत करने पर या फिर सरकार द्वारा सौंपे गए आवेदनों आरोपों की जांच करेगा. यह संबंधित व्यक्ति को संमन जारी करके हाजिर रहने के आदेश जारी कर सकता है.किसी घटना के छह माह बीत जाने के बाद प्राधिकरण संज्ञान नहीं लेगा. दस्तावेजों के परीक्षण के लिए कमीशन जारी करने का अधिकार भी प्राधिकरण को होगा. राज्य सरकार के प्रतिवेदन प्रस्तुती करने के साथ ही प्राधिकरण जहां उचित समझे वहां सिफारिश कर सकता है. ऐसे मामले जिनियर मानवाधिकार आयोग जैसी संस्थाएं जांच कर रही हों, या न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन हों, वहां प्राधिकरण संज्ञान नहीं लेगा.

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