Tuesday, July 31, 2007

छत्तीसगढ़ियों की उपेक्षा चिंतनीय

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वप्रदृष्ट ा स्व. डा. खूबचंद बघेल की जयंती व छत्तीसगढ़ी राज भाषा संप्रेषण पर पिछले रविवार को राघवेंद्र राव सभा भवन में समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपनेता प्रतिपक्ष व पूर्वमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ियों की उपेक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि रोजगार ही नहीं, हर क्षेत्र में उनकी उपेक्षा की जा रही है. वास्तव में अलग राज्य बनाने का उ ेश्य अभी पूरा नहीं हो पाया है. श्री बघेल ने पाइवेट मंे बिल द्वारा फ्ब्भ् के तहत छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. कार्यक्र्र म की अध्यक्षता कर रहे साधुलाल गुप्ता ने छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल से ननकीराम कंवर को बाहर करने पर आपत्ति जताई. विशिष्ट अतिथि श्यामलाल चतुर्वेदी ने छत्तीसगढ़ी को राजभाषा बनाने से पहले इस भाषा को बोलने और लिखने पर जोर दिया. उन्हांेने स्व. बघेल के उ ेश्यों के अनुरूप कार्य करने की जरूरत बताई और इसके लिए नौजवानों से आगे आने का आहवान किया. डा.परदेशी राम वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ व्याकरण, हिंदी से पहले बन चुका था. अलग-अलग क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा की विभिन्नता को ज्यादा तूल ने देने की बात कहीं. आभार प्रदर्शन एसएल साहू ने किया.

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