Saturday, August 4, 2007

निकल गई हवा बीईसी कंपनी की

एक नजऱ

भिलाई. भिलाई इंजीनियरिंग कंपनी (बीईसी) कंपनी ने पिछले दिनों छत्तीसगढ़ सरकार से हाथ मिलाकर क्ख्े करोड़ का पावर प्रोजे ट लगाने के लिए बड़ी जोर शोर से एमओयू किया था साथ ही और कई कंपनियों ने भी पावर प्रोजे ट के लिए एमओयू किए थे जिससे ऐसा लग रहा था अब छत्तीसगढ़ में पावर प्रोजे ट की लाईन लग जाएगी. लेकिन एमओयू यों किए गए थे और यू इन्होंने हाथ खड़े कर दिए यह भी अब सवाल उठने लगा है. भिलाई की कंपनी भिलाई इंजीनियरिंग कार्पोरेशन हालांकि बहुत पुरानी कंपनी है इसके कई सहायक यूनिट जैसे बीईसी डिटर्जन, बीईसी फूड्स, विश्वविशाल गैस और कई छोटी-मोटी कंपनियां बंद हो गई. हालांकि बाद में बीईसी फूड्स को दूसरे संस्थाआें ने प्रारंभ कर दिया. यहीं से सवाल उठा था कि जब बीईसी कंपनी की कई कंपनियां लगातार बंद हो गई है ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार के साथ क्ख्े करोड़ का एमओयू करना लोगों को बड़ा आश्चर्य लग गया था तभी बीईसी के इस एमओयू पर लोगों में चर्चाएं तेज हो गई थी. अधिकतर लोगों का यह मानना था कि लगातार हो रहे पावर प्रोजे ट के एमओयू बहुत जल्द हाथ खड़े कर लेंगे और हुआ भी यही अब यह लोग आयरन ओर की कमी शासन की नीतियों का मु ा बनाकर अपने हांथ न केवल खड़े कर रहे हैं बल्कि पावर प्रोजे ट मैदान से अपने आप को अलग कर लिया है. छत्तीसगढ़ शासन से पिछले दिनों क्० बड़े उद्योगों ने अपना एमओयू करके शासन को यह बताया था कि हम राज्य में औद्योगिक क्रांति को और बढ़ावा देंगे आज छत्तीसगढ़ में स्पंज आयरन, पावर प्रोजे ट और मिनी स्टील प्लांटों के अलावा और भी कई बड़े प्रोजे ट छत्तीसगढ़ में आ रहे हैं लेकिन पावर प्रोजे ट के क्षेत्र में बीईसी कंपनी के साथ कई एमओयू करने वाले उद्योगों ने जिस तरह से अपना हांथ उठाया है उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं या यह एमओयू कंपनी का प्रचार करने के लिए किए गए थे या फिर किसी और मकशद से एमओयू साइन किए गए थे. अगर वास्तव में इन्हें पावर प्रोजे ट लगाना था तो अब अचानक ऐसी या वजह पैदा हो गई जिसमें इन कंपनियों ने आयरन ओर की दुहाई देकर अपने हांथ खड़े कर लिए.

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